naseeb dar pe tere azmane aaya - mohammed rafi lyrics
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
आज़माने आया हूँ नसीब दर पे तेरे
तुझी को तेरी कहानी…
तुझी को तेरी कहानी सुनाने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
जो नग़में सोए हुए हैं तेरे ख़यालों में, हैं तेरे ख़यालों में
जो नग़में सोए हुए हैं तेरे ख़यालों में
उन्हीं को आज मैं गा कर…
उन्हीं को आज मैं गा कर जगाने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे, हाय
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ, आज़माने आया हूँ
ओ, बहा भी दे मेरी हालत पे आज दो आँसू, आज दो आँसू
बहा भी दे मेरी हालत पे आज दो आँसू
मैं अपने दिल की लगी को…
मैं अपने दिल की लगी को बुझाने आया हूँ
नसीब दर पे तेरे, हाय
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ, आज़माने आया हूँ
हो, अगर वो सामने होते तो उनसे ये कहता
अगर वो सामने होते तो उनसे ये कहता
“तेरे हुज़ूर में बिगड़ी…
तेरे हुज़ूर में बिगड़ी बनाने आया हूँ”
नसीब दर पे तेरे आज़माने आया हूँ
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